चिल्ड्रन हेल्पलाइन के कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले 10-15 वर्षों से न्यूनतम वेतन पर 24/7 सेवाएं दे रहे हैं और अब यदि सरकार चाइल्डलाइन इंडिया फाउंडेशन की सेवाएं वापस लेने की योजना बना रही है तो वे क्या करेंगे।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से योजना पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया, जहां सरकार ने इन हेल्पलाइनों को चलाने के लिए एनजीओ को काम देने का फैसला किया है। वे उनसे इस विषय पर हस्तक्षेप करने और नौकरी के वादे निभाने का अनुरोध करते हैं। वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चाइल्ड हेल्पलाइन की सेवाओं में 108 परियोजनाएं चल रही हैं जहां ये टीमें 24 घंटे कड़ी मेहनत के साथ सेवाएं प्रदान करने में बिना रुके काम कर रही हैं।
उन्होंने यह भी साझा किया कि वे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर को मौजूदा 1098 से 112 तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।